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सिंगरौली में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला: पटवारी गंगा सिंह पर ₹1,10,000 रिश्वत लेने और ज़मीन विवाद में धोखाधड़ी के गंभीर आरोप….

सिंगरौली में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला: पटवारी गंगा सिंह पर ₹1,10,000 रिश्वत लेने और ज़मीन विवाद में धोखाधड़ी के गंभीर आरोप....

सिंगरौली में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला: पटवारी गंगा सिंह पर ₹1,10,000 रिश्वत लेने और ज़मीन विवाद में धोखाधड़ी के गंभीर आरोप….

 

सिंगरौली जिले में लगातार फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें हल्का पटवारी गंगा सिंह पर ₹10,000 फोन पे और ₹1,00,000 कैश रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला ज़मीन खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है, जिसमें आवेदक रूपचंद साकेत और उनके परिवार के साथ बड़ा धोखाधड़ी और छल कपट किया गया है।जने क्या है पूरा मामला…?

पीड़ित रूपचंद साकेत, जो कि ग्राम जैतपुर, पुलिस चौकी जयंत, जिला सिंगरौली के निवासी हैं, उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर ग्राम सिद्धीकला की ज़मीन खरीदी थी। इस ज़मीन को उन्होंने भूमिस्वामी गंगाराम वैश्य से खरीदा, जिसकी कुल कीमत ₹16,44,000/- थी। इस रजिस्ट्री के लिए उन्होंने चेक के माध्यम से ₹9,95,000/- और नगद ₹6,49,000/- रुपये भुगतान किए। इसके अलावा रजिस्ट्री खर्च के रूप में ₹2,00,000/- रुपये भी खर्च किए गए रजिस्ट्री पूरी होने के बाद जब नामांतरण के लिए हल्का पटवारी गंगा सिंह के पास आवेदन दिया गया, तब उन्होंने रिश्वत के तौर पर ₹10,000 फोन पे और ₹1,00,000 नगद की मांग की। मजबूरी में आवेदक ने यह राशि पटवारी को दी, जिसके बाद ज़मीन का नामांतरण किया गया।

नामांतरण के कुछ दिनों बाद पीड़ित को पता चला कि ज़मीन के रिकॉर्ड में उनका नाम हटा दिया गया है और खसरे में किसी छोटकी बेवा रामलगन केवट और अन्य लोगों का नाम दर्ज हो गया है। जब इस मामले की गहराई से जांच की गई, तब पता चला कि यह ज़मीन पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन थी।

पटवारी और भूमिस्वामी पर लगे गंभीर आरोप…?आवेदक रूपचंद साकेत का आरोप है कि ज़मीन रजिस्ट्री के दौरान न तो भूमिस्वामी गंगाराम वैश्य, न ही हल्का पटवारी गंगा सिंह और न ही अन्य संबंधित व्यक्तियों ने उन्हें यह बताया कि यह ज़मीन विवादित है। जब उन्होंने अपनी रकम वापस मांगने की कोशिश की, तो पटवारी और भूमिस्वामी टालमटोल करने लगे। इस पूरे मामले में पटवारी और भूमिस्वामी की मिलीभगत से आवेदक के साथ लगभग ₹20,00,000/- की ठगी हुई है।

आवेदक ने इस पूरे मामले की शिकायत प्रशासन से की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह मामला प्रशासन और सरकार के लिए एक गंभीर संकेत है कि सिंगरौली जिले में किस प्रकार भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है और क्या पीड़ित को न्याय मिल पाएगा या नहीं।

इन सभी मामलों को लेकर पीड़ित ने बताया कि जिला कलेक्टर ने तहसीलदार को मारक कर दिया है और जांच करने की बात कही जा रही हैइनका कहना है अपनी गलतियों को छुपाने के लिए पटवारी गंगा सिंह ने साफ तौर से इनकार करते हुए कहा कि यह सब गलत आरोप लगाए जा रहे हैं जबकि साफ तौर से यह देखा जा सकता है कि फोन पे पर ₹10000 की ट्रांसफर की गई है और पीड़ित ने यह बताया कि ₹100000 इन्होंने हमसे कैश लिया हुआ है

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