सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत खुटार में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, प्रशासन पर उठे सवाल..
सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत खुटार में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, प्रशासन पर उठे सवाल..
राष्ट्रीय जगत न्यूज़ ब्यूरो चीफ महेश जायसवाल
सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत खुटार में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, प्रशासन पर उठे सवाल..
जिला पंचायत सीईओ के जांच पर भारी पड़ा एक सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा नहीं कोई खुलासा…
सिंगरौली मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत खुटार में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल दी है। स्थानीय निवासियों और पीड़ितों द्वारा कई बार अधिकारियों को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की गई। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया। लेकिन जांच प्रक्रिया में धीमी गति और पारदर्शिता की कमी ने इस मामले को और भी पेचीदा बना दिया है।
जांच कमेटी और ADM के हस्तक्षेप के बाद भी खुलासा नहीं..
जांच की वास्तविकता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पीड़ितों ने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) को भी पत्र सौंपा था। ADM के खुटार दौरे की खबर से पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जागी थी। लेकिन, समय पर उनका आगमन न होने और मामले की सुनवाई में देरी ने लोगों की निराशा को और बढ़ा दिया। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते मामले को दबाने की पूरी कोशिश की है।
भ्रष्टाचार के मामले को दबाने की कोशिश जीमे दार..
पीड़ितों और स्थानीय नागरिकों का दावा है कि क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा न होने के पीछे कुछ रसूखदार अधिकारियों का हाथ है। उनका कहना है कि इन अधिकारियों ने जांच प्रक्रिया को बाधित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों में प्रशासन की उदासीनता और मामले को दबाने की कोशिशों के खिलाफ गहरा आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब जिला पंचायत के सीईओ ने जांच कमेटी का गठन किया था, तो अब तक मामले का खुलासा क्यों नहीं हो सका..? लोगों ने मांग की है कि ADM मामले में सीधे हस्तक्षेप कर जांच को आगे बढ़ाएं और दोषियों को सजा दिलाएं यह मामला न केवल ग्राम पंचायत खुटार के लिए बल्कि सिंगरौली जिले के प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। भ्रष्टाचार के इन आरोपों ने न केवल स्थानीय प्रशासन की साख पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कितने गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है।
क्षेत्रीय निवासियों और पीड़ितों ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जांच नहीं होती, तब तक क्षेत्र में न्याय सुनिश्चित नहीं हो सकता।
दरा सल सिंगरौली के खुटार में भ्रष्टाचार का यह मामला प्रशासनिक लापरवाही का एक और उदाहरण है। अब देखना होगा कि क्या राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई कर पाएंगे या यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह दबा दिया जाएगा।